कम्प्यूटर क्या है ? ( What is Computer ?) कम्प्यूटर - एक परिचय ( Introduction of Computer)


 आईटीआई (iTi)  में सभी ट्रेडों (Trades) के लिए एम्प्लायबिलिटी स्किल्स (Employability Skills)  बहुत ही अनिवार्य विषय है। इस विषय में यह बताया गया है कि प्रशिक्षणार्थियों के गुण को कैसे निखारा जाय, तो आज हम आपको  एक महत्वपूर्ण माड्यूल  (IT Literacy ) आईटी साक्षरता के बारे में बताने जा रहे है, आपके जीवन में बहुत ही उपयोगी होगा, चाहे स्वरोजगार के लिए या सरकारी जॉब हो। तो चलते है अब शुरु करते है-

 कम्प्यूटर - एक परिचय ( Introduction of Computer)

1. What is Computer ? (कम्प्यूटर क्या है ?)

                            कम्प्यूटर (Computer ) एक स्वचालित इलेक्ट्रानिक मशीन (Automatic electronic machine) है, जो डाटा तथा निर्देशों को इनपुट के रुप में ग्रहण करता है, निर्देशों के अनुरुप उनका विश्लेषण करता है ता आवश्यक परिणामों को निश्चित प्रारुप में आउटपुट के रुप में निर्गत करता है। यह डाटा, निर्देश         ( साफ्टवेयर ) तथा परिणामों को Store  भी करता है ताकि आवश्यकतानुसार इनका उपयोग किया जा सके। यह डाटा के भण्डारण (Storage) तथा तीव्र गति और त्रुटि रहित ढंग से उसके विश्लेषण का कार्य करता है।

  • Computer शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के Compute और लैटिन भाषा के Computare शब्द से हुई है। इन दोनों शब्दों का अर्थ गणना या गिनती करना होता है।
  • Computer को हिन्दी में संगणक या अभिकलन (अभिकलित्र) कहा जाता है।
                        कम्प्यूटर (Computer) एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन ( Electronic Machine ) है, जिसमें हम अपरिष्कृत आंकड़ों (Rough Data) को इनपुट के माध्यम से प्रवेश करवाकर प्रोग्राम या प्रोसेस के नियंत्रण द्वारा इन्हें अर्थपूर्ण सूचनाओं ( Meaningful Information) में परिवर्तित करे आउटपुट डिवाइसेस के माध्यम से प्राप्त करते है।
 

कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है - What is Full Form Of Computer

कंप्यूटर की फुल फॉर्म इंग्लिश में (Full form of computer in english)

Commonly Operated Machine Particularly Used in Technical and Educational Research

  • C - Commonly
  • O - Operated
  • M - Machine
  • P- Particularly
  • U- Used
  • T - Technical
  • E - Educational
  • R - Research

कंप्यूटर का फुल फॉर्म हिंदी में (Full form of computer in Hindi)

  • सी - आम तौर पर
  • ओ - संचालित
  • एम - मशीन
  • पी- विशेष रूप से
  • यू- प्रयुक्त
  • टी - तकनीकी
  • ई - शैक्षणिक
  • आर - अनुसंधान
1.1 परिभाषा (Definition):- 
                            ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार, " कम्प्यूटर (Computer ) एक स्वचालित     (Automatice Electronic Machine) है, जो अनेक प्रकार की तर्कपूर्ण गणनाओँ के लिए प्रयोग किया जाता है।" 
 
            Computer वह Machine है जो Data स्वीकार करता है, उसे भंडारित करता है, दिये गये निर्देशों के अनुरुप उनका विश्लेषण करता है तथा विश्लेषित परिणामों को आवश्यकतानुसार निर्गत करता है।
 

 उपयोगकर्ता (Users)-
  • Computers का प्रयोग करने वाले किसी भी सजीव या निर्जीव ( Living or Non- Living)  को उपयोगकर्ता (User) कहा जाता है।
  • Computer System में उपयोगकर्ता (User) वह व्यक्ति होता है, जो कम्प्यूटर सेवा  (Computer Service) का उपयोग करता है।
  • एक उपयोगकर्ता (User) के पास समान्यतः एक यूजर अकाउण्ट (User Account) होता है, जो उसे सुरक्षा के प्रयोजन और प्रवेश के लिए क्रेडेंशियल्स (Credentials) के साथ स्वयं को प्रमाणित (Authenticate) करने के लिए और संसाधन प्रबंधक (Resource Manager) के लिए पहचान को आसान बनाता है।
  • उपयोगकर्ता (User) निम्न दो प्रकार के होते है-
            (A). मानव कम्प्यूटर इन्टरेक्शन ( Human Computer Interaction)
           (B). मशीन / रोबोट ( Machine / Robot)
 
(A). मानव कम्प्यूटर इन्टरेक्शन ( Human Computer Interaction)-
  •  कम्प्यूटर प्रौद्यौगिकी या सिस्टम में मानव कम्प्यूटर इंटरेक्शन (Human Computer Interaction), एक उपयोगकर्ता (User)  और कम्प्यूटर के बीच इंटरफेस या इंटरैक्शन (Interaction) पर आधारित है। 
  • इसके अंतर्गत मानव और कम्प्यूटर के मध्य सम्पर्क भौतिक रुप से कार्य व्यवहार, अध्ययन या अन्य रुप में सम्बन्धित होता है।    

(B). मशीन / रोबोट ( Machine / Robot)-      
  • रोबाट/ मशीन भी एक प्रकार का उपयोगकर्ता होता है, जो विशेष रुप से प्रोग्राम द्वारा स्वचालित (Automatically) रुप से क्रियाओं की जटिल श्रृंखलाओं को पूरा कराने में सक्षम है।
  • मनुष्य (Human Being) और रोबाट / मशीन (Robot / Machine) के मध्य अन्तर करने के लिए CAPTCHA  (Completely Automated Public Turing Test to Tell Computers and Humans Apart) का प्रयोग किया जाता है।
कैप्चा ( CAPTCHA)-
  •  CAPTCHA (Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart) एक मनुष्य (Human Being) और रोबोट / मशीन (Robot / Machine) की पहचान को अलग- अलग करने वाली एक तकनीक या चुनौती प्रतिक्रिया परीक्षण (Challenge Response Test) है, जिसका उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि उपयोगकर्ता (User) एक मनुष्य (Human Being) है या फिर कोई रोबोट / मशीन (Robot Machine) है।
  • CAPTCHA शब्द 2003 में लुइस वॉन (Luis Von Ahn) , मैनुअल ब्लम (Manuel Blum) , निकोलस हॉपर (Nicholas Hopper )  और जॉन लैगफोर्ड ( John Langford) द्वारा बनाया गया था ।
  • इसका पहला  वर्जन (Version) 1.0 सन् 1997 में ही लॉच कर दिया गया था, परन्तु वास्तविक रुप से इस शब्द का प्रयोग 2003 से शुरु हुआ।
  • वर्तमान में CAPTCHA को और अधिक Strong बनारे हेतु reCAPTCHA ( Reverse CAPTCHA) और (nCAPTCHA) का प्रयोग किया जा रहा है।

        CATPCHA (कैप्चा ) के निम्न प्रकार है-
  1. Text Recognition Based (पाठ पहचान आधारित)
  2.  Audio Recognition Based (ऑडियो पहचान आधारित)
  3. Image Recognition Based ( छवि पहचान आधारित ) 
  4. Logic Question Based ( तर्क प्रश्न आधारित)
  5. 3D Captcha Code ( 3डी कैप्चा कोड)
  6. Slider CAPTCHA ( स्लाइडर कैप्चा)
  7. Ad Injected CAPTCHA ( विज्ञापन इन्जेक्टेड कैप्चा )
  8. No Captcha reCAPTCHA ( नो कैप्चा रिकैप्चा)
  9.  Time Base CAPTCHA ( समय आधारित कैप्चा )
  10. Invisible reCAPTCHA (अदृश्य कैप्चा) 

कम्प्यूटर के बुनियादी संचालन (Basic Operations of Computer)-

Ø  एक कम्प्यूटर (Computer) तीन प्रकार के उपकरणों (Devices) इनपुट डिवाइस, प्रोसेसिंग डिवाइस और आउटपुट डिवाइस (Input Device, Processing Device and Output Device) से मिलकर बना है।

Ø  यह कच्चे आकड़ों (Raw Facts) को इनपुट डिवाइस (Input device) के माध्यम से प्राप्त करता है, निर्देशों के सेट (Set of Instructions) के अनुसार उसे प्रोसेस (Process) करता है और अंत में परिणाम ( Result) को सूचना (Information) के रूप में उपयोगकर्ता (User) के समक्ष आउटपुट डिवाइसेस (Output Devices) के माध्यम से पेश करता है।

Ø  इस कार्य को करने में सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की आवश्यकता होती है। अतः कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली में निम्न तीन बुनियादी चरणों (Basic Operations) को शामिल किया जाता है।


(A). इनपुट (Input) –

Ø  इनपुट (Input) कम्प्यूटर सिस्टम (Computer System) में आकड़ों (Data) और निर्देशों (Instructions) को दर्ज करने की प्रक्रिया है।

Ø  इनपुट में उपयोगकर्ता (User) से आकड़ों (Data) और निर्देशों (Instructions) को प्रोसेसिंग के लिए एक संगठित तरीके से लिया जाता है। यह कार्य इनपुट डिवाइसेस के माध्यम से होता है।

Ø   इनपुट के निम्न 2 भाग होते हैं-

                                     (i) आंकड़े (Data)

                                    (ii) निर्देश (Instruction)

 (i). आंकड़े (Data):

Ø  कच्चे ऑकड़े (Raw facts) जिनका कोई अर्थ नहीं होता है या जिसका सभी के लिए अलग-अलग अर्थ होता है, उसे आंकड़े (Data) कहा जाता है।

Ø  यह कोई भी नाम (Ram, Shyam etc.) अथवा नम्बर (5, 4, 6 etc.) हो सकता है।

(ii). निर्देश (Instruction):

Ø  आंकड़ो (Data) पर विभिन्न प्रकार की गणनाऐं (Calculations) करने के लिए उपयोगकर्ता (User) के द्वारा जो आदेश दिया जाता है, उसे निर्देश (Instruction) कहा जाता है।

Ø  निर्देश (Instruction) एक अंकगणितिय चिन्ह् (Arithmetic Symbol) जैसे +,-, x, ÷ या एक तार्किक चिन्ह (Logical Symbol) जैसे छोटा है (<), बड़ा है (>), छोटा और बराबर है (<=), बड़ा और बराबर है (> =), बराबर है (==) और बराबर नहीं है (!=) होता है।

 (B). प्रोसेस (Process)-

Ø  यह कम्प्यूटर के प्रोसेसर के द्वारा इनपुट में दिये गये आंकड़े (Data) पर निर्देश (Instructions) के आधार पर अंकगणितीय और तार्किक गणनाऐं (Arithmetical and Logical Calculations) करने की प्रक्रिया है।

Ø  प्रोसेसिंग का कार्य CPU (Central Processing Unit) द्वारा किया जाता है।

Ø  CPU कम्प्यूटर का मस्तिष्क होता है। यह निर्देशों (Instructions) का क्रियान्वयन करने के लिए उन्हें पढ़ता है, व्याख्या करता है, नियंत्रण करता है और गणनाऐं कर परिणाम हेतु आउटपुट तैयार करता है।

Ø   CPU तीन भागों नियंत्रण इकाई (Control Unit), अंकगणितीय तार्किक इकाई (Arithmetic Logic Unit) और मैमोरी इकाई (Memory Unit) में कार्य करता है।

Ø  कम्प्यूटर के सभी प्रकार की प्रोसेसिंग CPU करता है और प्रोसेस होने वाले डेटा को स्टोर करने के लिए रैम (RAM) का प्रयोग किया जाता है।

 (C). आउटपुट (Output)-

Ø  कम्प्यूटर से प्राप्त निष्कर्षो या परिणाम को लिखने तथा उन निष्कर्षो को मानवीय भाषा में प्रस्तुत करने के लिए प्रयोग में ली गई क्रिया आउटपुट कहलाती है।

Ø  उपयोगकर्ता (User) के द्वारा दिये गये आंकड़ों (Data) पर निर्देशों (Instructions) के आधार पर विभिन्न गणनाऐं (Calculations) करने के बाद प्राप्त परिणाम को आउटपुट कहा जाता है।

Ø  आउटपुट को संसाधित डेटा/ सार्थक डेटा/ सूचना (Processed Data/ Meaningful Data/ Information) कहा जाता है।

Ø  इस आउटपुट को उपयोगकर्ता (User) की आवश्यकतानुसार कम्प्यूटर की. द्वितीयक मैमोरी (Secondary Memory) सुरक्षित किया जाता है।

 कम्प्यूटर सिस्टम के घटक (Components of Computer System):-

किसी भी कम्प्यूटर सिस्टम को मुख्यतः तीन भागों में बांटा जा सकता है-

- हार्डवेयर

- साफ्टवेयर

-डाटा

Ø  हार्डवेयर (Hardware):- कम्प्यूटर मशीन का वह भौतिक भाग जिसे हम छू (Touch) कर महसूस कर सकते हैं, हार्डवेयर कहलाता है। जैसेकी-बोर्ड, माउस, मॉनीटर, सीपी प्रिंटर, हार्ड डिस्क ड्राइव, मदरबोर्ड, प्रोसेसर, स्पीकर आदि ।

Ø  साफ्टवेयर (Software):- अनुदेशों और प्रोग्रामों का समूह जो कम्प्यूटर को यह बतलाता है कि उसे क्या और कैसे करना है, साफ्टवेयर कहलाता है। कम्प्यूटर का हार्डवेयर साफ्टवेयर के अनुदेशों के अनुसार ही काम करता है। एक ही हार्डवेयर अलग अलग साफ्टवेयर निर्देशों के आधार पर अलग-अलग कार्य कर सकता है साफ्टवेयर को हम छू नहीं सकते और न ही भौतिक रूप में देख सकते हैं। इस प्रकार, हार्डवेयर यदि कम्प्यूटर का शरीर है तो साफ्टवेयर उसकी आत्मा है।

Ø  डाटा (Data):- डाटा तथ्यों और सूचनाओं का अव्यवस्थित संकलन है।

डाटा को दो प्रकार में विभाजित किया जा सकता है-

(i) संख्यात्मक डाटा (Numerical data):- यह अंकों से बना डाटा है जिसमें 0, 1, 2, ………, 9 तक अंकों का प्रयोग किया जाता है। इस तरह के डाटा पर हम अंकगणितीय क्रियाएं कर सकते हैं जैसे विद्यार्थियों का प्राप्तांक, कर्मचारियों का वेतन आदि ।।

(ii) चिह्नात्मक डाटा (Alphanumeric data):-  इसमें न अक्षरों, अंकों तथा चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। इसमें अंकगणितीय क क्रियाएं नहीं की जा सकती, पर इनकी तुलना की जा सकती है। जैसे कर्मचारियों का पता ।

Ø  सूचना (Information):-  डाटा का उपयोगिता के आधार पर किये गये विश्लेषण और संकलन के बाद प्राप्त तथ्यों को सूचना कहते हैं। इस प्रकार डाटा अव्यवस्थित तथ्य है जबकि सूचना व्यवस्थित डाटा है जो प्रयोग करने वालों के लिए उपयोगी होता है।

Ø  सूचना प्राप्ति (Information Retrieval):- आवश्यकतानुसार सूचना को पुनः प्राप्त करने की विधि सूचना प्राप्ति कहलाता है।

Ø  डाटा प्रोसेसिंग (Data Processing):- डाटा का उपयोगिता के आधार पर किया जाने वाला विश्लेषण डाटा प्रोसेसिंग कहलाता है।

Ø  इलेक्ट्रानिक डाटा प्रोसेसिंग (Electronic Data Procesing): इलेक्ट्रानिक विधि से डाटा का विश्लेषण इलेक्ट्रानिक डाटा प्रोसेसिंग कहलाता है।

Ø  क्या आप जानते हैं?

कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के कम्प्यूट (Compute) शब्द से हुई है जिसका अर्थ है- गणना करना। इसे हिंदी में 'संगणक' कहा जाता है।

Ø  अनुदेश (Instruction):- कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए, दिए गए आदेशों को अनुदेश कहा जाता है। 

Ø प्रोग्राम (Program):- कम्प्यूटर को दिए जाने वाले अनुदेशों के समूह को प्रोग्राम कहा जाता है।

Ø साफ्टवेयर (Software):- प्रोग्रामों के समुच्चय को जो कम्प्यूटर के विभिन्न कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए उत्तरदायी होता है, साफ्टवेयर कहा जाता है।


कम्प्यूटर की विशेषताएं (Characteristics of Computer)-

कम्प्यूटर अपनी विशेषताओं के कारण मानव जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। इसकी विशेषताओं के कारण ही इसका उपयोग आज हर छोटे-बड़े क्षेत्र में व्यापक तौर पर किया जा रहा है। इसकी विशेषताऐं निम्न होती हैं-

1.     गति (Speed)-

Ø  एक कम्प्यूटर बहुत तीव्र गति से कार्य करता है। यह जटिल से जटिल गणनाओं को भी कुछ सैकण्ड्स में हल कर देता है।

Ø  कम्प्यूटर की गति को GHz (गीगा हर्ट्ज) में मापा जाता है। 1 GHz का अर्थ 109 गणनाऐं प्रति सैकण्ड होती है।

Ø  वर्तमान में कम्प्यूटर की गति लगभग 4.5 GHz तक होती है।

Ø  कम्प्यूटर एक सेकेण्ड में लाखों गणनाएं कर सकता है। किसी मनुष्य द्वारा पूरे साल में किए जाने वाले कार्य को कम्प्यूटर कुछ ही सेकेण्ड में कर सकता है। वर्तमान समय में कम्प्यूटर नैनो सेकेण्ड (10-9 Sec) में गणनाएं कर सकता है। कम्प्यूटर की गति को एक सेकेण्ड में प्रोसेस किए गए निर्देशों की संख्या के आधार पर मापा जाता है। वर्तमान में कम्प्यूटर एक सेकेण्ड में दस लाख (Million) से भी अधिक निर्देशों को प्रोसेस कर सकता है। अतः कम्प्यूटर की गति को MIPS (Million Instructions Per Second) में मापा जाता है।


2. स्वचालित (Automatic)-

Ø  कम्प्यूटर पूर्व निर्धारित निर्देशों (Pre Defined Instructions) अथवा यूजर के द्वारा दिये गये निर्देशों (User Provided Instructions) के आधार पर अपने सारे कार्य स्वचालित रूप से तब तक करता है, जब तक परिणाम प्राप्त नहीं हो जाता है।

Ø  कम्प्यूटर में स्वचालन का गुण होने से मानव श्रम व समय की बचत होती है।

Ø  कम्प्यूटर एक स्वचालित मशीन है जिसमें गणना के दौरान मानवीय हस्तक्षेप की संभावना नगण्य रहती है। हालांकि कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए निर्देश मनुष्य द्वारा ही दिए जाते हैं, पर एक बार आदेश दिये जाने के बाद वह बिना रुके कार्य कर सकता है।

3. शुद्धता (Accuracy)-

Ø  कम्प्यूटर GIGO (Garbage In Garbage Out) के सिद्धान्त पर कार्य करता है। इसका अर्थ यह होता है कि 'जैसा इनपुट दिया जायेगा ठीक वैसा ही आउटपुट मिलेगा'

Ø  इसी सिद्धान्त के कारण कम्प्यूटर से प्राप्त परिणाम हमेशा 100 प्रतिशत शुद्ध (Accurate) होता है।

Ø  कम्प्यूटर खुद से कभी भी गलती नहीं करता है, इसके परिणामों में होने वाली गलतियां मानवीय गलतियों के कारण ही होती है।

Ø  कम्प्यूटर की गणनाएं लगभग त्रुटिरहित होती हैं। गणना के दौरान अगर कोई त्रुटि ( error) पायी भी जाती है तो वह प्रोग्राम या डाटा में मानवीय गलतियों के कारण होती है। अगर डाटा और प्रोग्राम सही है तो कम्प्यूटर हमेशा सही परिणाम ही देता है। कभी-कभी वायरस (Virus) के कारण भी कम्प्यूटर में त्रुटियां आ जाती हैं।


4. सुविधाजनक (Handy)-

Ø  कम्प्यूटर का प्रयोग करने के लिए किसी विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं होती है, उपयोगकर्ता (User ) अपने बेसिक ज्ञान के आधार पर ही कम्प्यूटर का प्रयोग कर सकता है।

Ø  यह आसानी से संचालित (Easily Operated), समझने में आसान (Easily to Understand ), प्रयोग करने में आसान (Easy to Use) और उपयोगकर्ता के अनुकूल डिवाइस (User Friendly Device) होती है।

 5. बहुरूपी (Versatile)-

Ø  एक कम्प्यूटर में एक से अधिक कार्यो को एक साथ करने का गुण पाया जाता है, इसलिए इसे बहुरूपी (Versatile) कहा जाता है।

Ø  जैसे हम कम्प्यूटर पर एक समय में इंटरनेट पर कार्य करने के साथ-साथ संगीत (Music) भी सुन सकते है।

Ø  किसी भी कम्प्यूटर का बहुरूपी (Versatile/Multifunctional) प्रचलन तंत्र (Operating System) पर निर्भर करता है।

Ø  कम्प्यूटर की सहायता से विभिन्न प्रकार के कार्य संपन्न किये जा सकते हैं। आधुनिक कम्प्यूटरों में अलग-अलग तरह के कार्य एक साथ करने की क्षमता है।

6. उद्यमशीलता (Diligency)-

Ø  कम्प्यूटर एक मशीन है, इसलिए यह कार्य करते-करते कभी भी. नहीं थकता है। यह निरन्तर कई घंटों तक कार्य करने के बाद भी उसी एकाग्रता एवं गति के साथ कार्य करता रहता है।

7. स्मृति (Memory)-

Ø  कम्प्यूटर में भी मानव मस्तिष्क की तरह स्मृति (Memory) होती है, जिसमें बहुतायत में आकड़े (Data) संग्रह करने, उन्हें पहचानने, सेव करने, वापस उपयोग के लिए लाने व देखने की शक्ति होती है।

Ø  स्मृति (Memory) की सबसे छोटी इकाई बिट (Bit Binary Digit) होती है। इसमें 0 अथवा 1 को संगृहित किया जाता है।

 8.भण्डारण (Storage)-

Ø  कम्प्यूटर में संग्रह क्षमता से आशय द्वितीयक मैमोरी (Second- ary Memory) से होता है। जिसमें बहुतायत में आकड़ों (Data) को ऑडियो, वीडियो, मूवी, फाइलें, दस्तावेज (Audio, Video, Movie, Files, Document) के रूप में संग्रहित किया जा सकता है।

Ø  भण्डारण (Storage) की सबसे छोटी इकाई बाइट (Byte) होती है, जिसमें एक बार में 8 बिट को संगृहित किया जाता है।

 

Memory

Storage

1. Memory शब्द का प्रयोग | Primary Memory के लिए किया जाता है।

1. Storage शब्द का प्रयोग Secondary Memory के लिए किया जाता है।

2. Data को प्रोसेस करने से पहले या प्रोसेस करते समय अस्थाई रूप में Primary Memoy में ही रखा जाता है।

2. Data को प्रोसेस करने से बाद स्थाई रूप में Secondary Memoy में ही रखा जाता है।

 

 9.स्थायी भंडारण क्षमता (Permanent Storage):- कम्प्यूटर में प्रयुक्त मेमोरी को डाटा, सूचना और निर्देशों के स्थायी भंडारण के लिए प्रयोग किया जाता है। चूंकि कम्प्यूटर में सूचनाएं इलेक्ट्रानिक तरीके से संग्रहित की जाती हैं, अतः सूचना के समाप्त या नष्ट होने की संभावना कम रहती है।

10.विशाल भंडारण क्षमता (Large Storage Capacity):- कम्प्यूटर के बाह्य (external) तथा आंतरिक (internal ) संग्रहण माध्यमों (हार्ड डिस्क, फ्लापी डिस्क, मैग्नेटिक टेप, सीडी रॉम) में असीमित डाटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है। कम्प्यूटर में सूचनाएं कम स्थान घेरती हैं, अतः इसकी भंडारण क्षमता विशाल और असीमित है।

11.भंडारित सूचना को तीव्रगति से प्राप्त करना (Fast retrieval):- कम्प्यूटर प्रयोग द्वारा कुछ ही सेकेण्ड में भंडारित सूचना में से आवश्यक सूचना को प्राप्त किया जा सकता है। रैम (RAM-Random Access Memory) के प्रयोग से यह काम और भी सरल हो गया है।

12.जल्द निर्णय लेने की क्षमता (Quick decision): कम्प्यूटर परिस्थितियों का विश्लेषण कर पूर्व में दिये गये निर्देशों के आधार पर तीव्र निर्णय की क्षमता रखता है।

13. व्यापक उपयोगिता (Wide Utility)-

Ø  वर्तमान में लगभग सभी क्षेत्रों में कम्प्यूटर का उपयोग व्यापक तौर पर किया जाता है, अतः यह मनुष्य के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।

Ø  इसका उपयोग स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, फैक्ट्री, घर, कार्यालय, अनुसंधान, मौसम, मनोरंजन, दूरसंचार, आर्मी, बैंक, रेलवे आदि अनेक क्षेत्रों में व्यापक तौर पर हो रहा है।

14. विश्वसनीयता (Reliability) –

Ø  कम्प्यूटर एक भरोसेमंद मशीन है, क्योंकि यह अपने कार्यो को कितनी भी बार पुनः करवाने पर भी बिना किसी विफलता ( Failure ) या त्रुटि (Error) के हर बार समान परिणाम देती है अर्थात् आउटपुट की गुणवता (Quality) हमेशा बनी रहती है, इसलिए इसे विश्वसनीय (Reliable) कहा जाता है।

Ø  कम्प्यूटर प्रोसेस के पश्चात् सही व भरोसेमंद परिणाम देता है तथा गलती की संभावना नगण्य होती है।

15. गोपनीयता (Privacy)-

Ø  कम्प्यूटर उपयोगकर्ता (User) को डेटा, फाइलें आदि को गुप्त व सुरक्षित रखने की सुविधा देता है, जिसमें उपयोगकर्ता पासवर्ड (User Password) की मदद से डेटा को सुरक्षित रखता है।

Ø  इसके अलावा कम्प्यूटर एण्टीवायरस का उपयोग करके भी विभिन्न प्रकार से डेटा को सुरक्षित रखता है।

Ø  पासवर्ड (Password) के प्रयोग द्वारा कम्प्यूटर के कार्य को गोपनीय बनाया जा सकता है। पासवर्ड के प्रयोग से कम्प्यूटर में रखे डाटा और कार्यक्रमों को केवल पासवर्ड जानने वाला व्यक्ति ही देख या बदल सकता है।

 16.पुनरावृत्ति (Repetition):- कम्प्यूटर को आदेश देकर एक ही तरह के कार्य बार-बार समान विश्वसनीयता और तीव्रता से कराये जा सकते हैं।

17.स्फूर्ति (Agility):- कम्प्यूटर एक मशीन होने के कारण मानवीय दोषों से रहित है। इसे थकान तथा बोरियत महसूस नहीं होती है और हर बार समान क्षमता से कार्य करता है।

18.कार्य की एक रूपता (Uniformity of work) : बार-बार तथा लगातार एक ही कार्य करने के बावजूद कम्प्यूटर के कार्य की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

19.कागज के प्रयोग में कमी (Paperless Work) : कम्प्यूटर के सही प्रयोग से कागज की खपत में कमी की जा सकती है जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है।

Ø  क्या आप जानते हैं ?

भारत में कम्प्यूटर का प्रथम प्रयोग 16 अगस्त, 1986 को बंग्लुरू के प्रधान डाकघर में किया गया। जबकि भारत का प्रथम पूर्ण कम्प्यूटरीकृत डाकघर नई दिल्ली है।

  कम्प्यूटर की सीमाएं (Limitations of Computer)-

1.     बुद्धि का अभाव (No Intelligence)-

Ø  Computer में सोचने व समझने व स्वयं निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती है। यह एक बुद्धिहीन मशीन (Dumb Machine) होती है जो सिर्फ दिए गए निर्देशों का ही पालन करती है।

Ø   कम्प्यूटर का IQ (Intelligence Quotient) Level 0% होता है।

Ø  वर्तमान में उच्च कोटी (Higher Grade) के कम्प्यूटरों में कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence) का उपयोग होने लगा है, जो कुछ स्तर तक निर्णय (Decision) लेने की क्षमता रखते है।

2.     भावावेग का अभाव (No Emotion)-

Ø  कम्प्यूटर में भावनात्मक पक्ष 0% होता है, क्योंकि कम्प्यूटर भौतिक पदार्थो (Physical Components) से मिलकर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के रूप में संगठित होता है। अतः इसमें मनुष्य की तरह भावनाएं, संवेदना आदि बिल्कुल भी नहीं होती है।

3.     मानव निर्भरता (Human Dependency)-

Ø  कम्प्यूटर पूरी तरह से मानव पर निर्भर है, क्योंकि यह कोई भी कार्य करने के लिए निर्देशों (Instructions) के लिए मानव पर निर्भर है। बिना निर्देश लिए कोई भी कार्य नहीं कर सकता है।

 4.     साइबर सुरक्षा (Cyber Security)-

Ø  कम्प्यूटर में संग्रहित महत्वपूर्ण सूचनाओं को सुरक्षित रखने हेतु विभिन्न उपाय करने पड़ते है। कम्प्यूटर को विभिन्न वायरस, मालवेयर, हैकर्स आदि से सुरक्षित रखना होता है और इन सब से परे आजकल सायबर अपराध का खतरा भी सर्वाधिक बना हुआ है, जिसमें हमारे कम्प्यूटर का प्रयोग किसी अवैध गतिविधियों (Illegal Activities) में किया जा सकता है।

5.     महंगा (Expensive)-

Ø  कम्प्यूटर तकनीक में तेजी से परिवर्तन होता रहता है जिससे पुराने कम्प्यूटर कम उपयोगी रह जाते है। अतः पुराने कम्प्यूटर को अपग्रेड करने का खर्च महंगा पड़ता है।

6.     खर्चीला (Expensive):-  

Ø  कम्प्यूटर के हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर काफी महंगे होते हैं तथा इन्हें समय-समय पर आवश्यकतानुसार परिवर्तित भी करना पड़ता है।

7.     वायरस का खतरा (Immune to virus):-

Ø  कम्प्यूटर में वायरस का खतरा बना रहता है जो सूचना और निर्देशों को दूषित या समाप्त कर सकता है। ये वायरस कम्प्यूटर की भंडारण क्षमता को भी प्रभावित करते हैं। हालांकि एंटीवायरस सॉफ्टवेयर (Antivirus Software) का प्रयोग कर इससे बचा जा सकता है।

8.     विद्युत पर निर्भरता (Depends on Electricity) :

Ø  कम्प्यूटर अपने कार्य के लिए विद्युत पर निर्भर करता है तथा इसके अभाव में कोई भी कार्य संपन्न कर पाने में सक्षम नहीं है।


 कम्प्यूटर के अनुप्रयोग के प्रभाव (Impact of Computerisation):-

o   समय की बचत: चूंकि कम्प्यूटर के कार्य करने की गति अत्यंत तीव्र है, अतः मनुष्य द्वारा एक साल में पूरा किए जाने वाले कार्यों को कम्प्यूटर की सहायता से  कुछ ही मिनटों में किया जा सकता है।

o   त्रुटि रहित कार्य: कम्प्यूटर के प्रयोग से कार्य में त्रुटि (error) की संभावना नगण्य हो जाती है। जो त्रुटि होती भी है, वह डाटा या गलत प्रोग्राम का परिणाम है जिसे पहचान कर सही किया जा सकता है।

o   कार्य की गुणवत्ता: चूंकि कम्प्यूटर हर बार समान गुणवत्ता से कार्य करता है, अतः बार-बार एक ही कार्य को करने के पश्चात् भी उत्पाद की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं होता है।

o   कागज की बचत: डाटा संग्रहण के इलेक्ट्रानिक विधियों के उपयोग और उनकी विशाल भंडारण क्षमता के कारण कम्प्यूटर के प्रयोग से कागज की बचत संभव हो पाती है।

o   बेरोजगारी: यह कम्प्यूटर के विस्तृत अनुप्रयोग का एक नकारात्मक प्रभाव है। एक कम्प्यूटर द्वारा सैकड़ों लोगों का कार्य किया जा सकता है जिससे लोगों की जीविका पर प्रभाव पड़ता है। परन्तु वैकल्पिक व्यवस्था और समुचित विकास द्वारा इस पर काबू पाया जा सकता है। दूसरी तरफ, कम्प्यूटर से संबंधित क्षेत्रों में रोजगार का सृजन भी किया जा सकता है।


Ø  रोचक तथ्य

भारत में पहला कम्प्यूटर भारतीय सांख्यिकी संस्थान (Indian Statistical Institute) कलकत्ता में सन 1956 में स्थापित किया गया था।

 

कम्प्यूटर के अनुप्रयोग (Applications of Computer)

कम्प्यूटर का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है। वर्तमान में, शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां कम्प्यूटर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। निम्नलिखित क्षेत्रों में कम्प्यूटर का विभिन्न अनुप्रयोग किया जा रहा है :-

v  डाटा प्रोसेसिंग (Data Processing) : बड़े और विशाल सांख्यिकीय डाटा से सूचना तैयार करने में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है। जनगणना, सांख्यिकीय विश्लेषण, परीक्षाओं के परिणाम आदि में इसका प्रयोग किया जा रहा है।

v  सूचनाओं का आदान-प्रदान (Exchange of Infor- mation): भंडारण की विभिन्न पद्धतियों के विकास और कम स्थान घेरने के कारण ये सूचनाओं के आदान-प्रदान के बेहतर माध्यम साबित हो रहे हैं। इंटरनेट (Internet) के विकास ने तो इसे 'सूचना का राजमार्ग' (Information Highway) बना दिया है।

v  शिक्षा (Education): मल्टीमीडिया (Multimedia) के विकास और कम्प्यूटर आधारित शिक्षा ने इसे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बना दिया है। डिजिटल लाइब्रेरी ने पुस्तकों की सर्वसुलभता सुनिश्चित की है।

v  वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research): विज्ञान के अनेक जटिल रहस्यों को सुलझाने में कम्प्यूटर की सहायता ली जा रही है। कम्प्यूटर में परिस्थितियों का उचित आकलन भी संभव हो पाता है।

v  रेलवे और वायुयान आरक्षण (Railway and Air- lines Reservation) : कम्प्यूटर की सहायता से किसी भी स्थान से अन्य स्थानों के रेलवे और वायुयान के टिकट लिये जा सकते हैं तथा इसमें गलती की संभावना भी नगण्य है।

v  बैंक (Bank): कम्प्यूटर के अनुप्रयोग ने बैकिंग क्षेत्र में क्रांति ला दी है। एटीएम (ATM - Automatic Teller Machine) तथा ऑनलाइन बैंकिंग, चेक के भुगतान, इ.सी.एस. (Electronic Clearing Service), रुपया गिनना तथा पासबुक इंट्री में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है।

v  चिकित्सा (Medicine): शरीर के अंदर के रोगों का पता लगाने, उनका विश्लेषण और निदान में कम्प्यूटर का विस्तृत प्रयोग हो रहा है। सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे तथा विभिन्न जाँच में कम्प्यूटर का प्रयोग हो रहा है।


रोचक तथ्य

हर क्षेत्र में कम्प्यूटर के वृहद अनुप्रयोग के कारण आधुनिक युग कोकम्प्यूटर युग' (Computer age) की संज्ञा दी जाती है।

क्या आप जानते हैं ?

2 दिसंबर प्रतिवर्ष विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस (Computer Literacy Day) के रूप में मनाया जाता है।

v  रक्षा (Defence):-  रक्षा अनुसंधान, वायुयान नियंत्रण, मिसाइल, रडार आदि में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है।

v  अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी (Space Technology): कम्प्यूटर के तीव्र गणना क्षमता के कारण ही ग्रहों, उपग्रहों और अंतरिक्ष की घटनाओं का सूक्ष्म अध्ययन किया जा सकता है। कृत्रिम उपग्रहों में भी कम्प्यूटर का विशेष प्रयोग हो रहा है।

v  संचार (Communication): आधुनिक संचार व्यवस्था कम्प्यूटर के प्रयोग के बिना संभव नहीं है। टेलीफोन और इंटरनेट ने संचार क्रांति को जन्म दिया है। तंतु प्रकाशिकी संचरण (Fiberoptics communication) में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है।

v  उद्योग व व्यापार (Industry & Business): उद्योगों में कम्प्यूटर के प्रयोग से बेहतर गुणवत्ता वाले वस्तुओं का उत्पादन संभव हो पाया है। व्यापार में कार्यों और स्टाक का लेखा-जोखा रखने में कम्प्यूटर सहयोगी सिद्ध हुआ है।

v  मनोरंजन (Recreation):-  सिनेमा, टेलीविजन के कार्यक्रम, वीडियो गेम में कम्प्यूटर का उपयोग कर प्रभावी मनोरंजन प्रस्तुत किया जा रहा है। मल्टीमीडिया के प्रयोग ने कम्प्यूटर को मनोरंजन का उत्तम साधन बना दिया है।

v  प्रकाशन (Publishing ): प्रकाशन और छपाई में कम्प्यूटर का प्रयोग इसे सुविधाजनक तथा आकर्षक बनाता है। रेखाचित्रों और ग्राफ का निर्माण अब सुविधाजनक हो गया है।

v  प्रशासन (Administration) : प्रशासन में पारदर्शिता लाने, सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाने तथा विभिन्न प्रशासनिक तंत्रों में बेहतर तालमेल के लिए ई-प्रशासन (e-governance) का उपयोग कम्प्यूटर की सहायता से ही संभव हो पाया है।

v  डिजिटल पुस्तकालय (Digital Library) : पुस्तकों को अंकीय स्वरूप प्रदान कर उन्हें अत्यंत कम स्थान में अधिक समय के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है। इसे इंटरनेट से जोड़ देने पर किसी भी स्थान से पुस्तकालय में संग्रहित सूचना को प्राप्त किया जा सकता है।


आजकल शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा, जिसमें कम्प्यूटर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। पर्यावरण, पुस्तकालय, यातायात, पुलिस प्रशासन, मौसम विज्ञान, संगीत, चित्रकला, ज्योतिष, इंजिनियरिंग डिजाइन आदि अनेक क्षेत्रों में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है। 


 
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